करंट gk -17 दिसम्बर

रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी विवाद पर शाह समिति का गठन:

रिलायंस इंडस्ट्रीज और तेल एवं प्राकृतिक गैस (ओएनजीसी) के बीच विवाद पर एक सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो इस मामले में भूलचूक देखेगी तथा ओएनजीसी को मुआवजे के बारे में सिफारिश करेगी।
एक विशेषज्ञ रिपोर्ट के अनुसार बंगाल की खाड़ी के कृष्णा गोदावरी बेसिन क्षेत्र में ओएनजीसी के परियोजना क्षेत्र की गैस खिसक कर साथ लगे रिलायंस इंडस्ट्रीज के क्षेत्र में चली गई। यह विवाद इसी के बारे में है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए पी शाह समिति का गठन अमेरिकी की सलाहकार कंपनी डीएंडएम की इस बारे में अंतिम रिपोर्ट आने के बाद किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11,000 करोड़ रुपये की 11.12 अरब घनमीटर प्राकृतिक गैस ओएनजीसी के कृष्णा गोदावरी क्षेत्रों से साथ लगते रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लाक में चली गई। 
विश्व बैंक से स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1.5 अरब डालर का कर्ज मंजूर:

विश्व बैंक ने महत्त्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1.5 अरब डालर के कर्ज को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद 2019 तक भारत सरकार के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने सभी नागरिकों को बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था उपलब्ध कराने और खुले में शौच को खत्म करने के अभियान में मदद करना है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में 2.4 अरब लोगों के पास स्वच्छ माहौल में रहने की सुविधाएं नहीं हैं। इनमें से 75 करोड़ से अधिक भारत में रहते हैं। कुल 2.4 करोड़ लोगों में से 80 फीसद ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
भारत में करीब 50 करोड़ ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती है। इससे न केवल वे बीमार और परेशान होते हैं बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है।
कर्ज का उपयोग स्वच्छ भारत मिशन के लिए किया जाएगा। विश्व बैंक के भारत में क्षेत्रीय निदेशक ओनो रूल ने कहा कि भारत में हर 10वीं मौत स्वच्छता के अभाव से जुड़ी है।
अध्ययन बताता है कि कम आय वाले परिवार साफ-सफाई की खराब व्यवस्था से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का मकसद सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के क्रियान्वयन को मजबूती देना है।
बंदरगाह के मामलों में सहयोग के लिए भारत और स्पेन के बीच समझौते पत्र को मंजूरी:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत और स्पेन के बीच बंदरगाहों से जुड़े मामलों पर सहयोग के लिए समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी गई।
बंदरगाहों के मामलों में दोनों देशों के बीच सहयोग से होने वाले लाभ को देखते हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर का फैसला किया गया। समझौते का मकसद बंदरगाहों और समुद्र से जुड़े मामलों में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना और एक दूसरे की ओर से परस्पर मदद और विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है।
समझौते पत्र पर हस्ताक्षर से दोनों देशों में बंदरगाहों को बढ़ावा देने और उन्हें विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे समुद्री यातायात को भी बढ़ावा मिलेगा। अलग-अलग समुद्री संस्थानों के कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के बीच प्रशिक्षण और जानकारियों का आदान-प्रदान हो सकेगा। इससे बंदरगाहों से वाणिज्यक वस्तुओं का परिवहन और तेज होगा।
दोनों देशों के संयुक्त उपक्रमों की वजह से बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा मिलेगा। उनकी क्षमता बढ़ेगी। साथ ही मौजूदा बंदरगाहों का आधुनिकीकरण होगा। इससे बंदरगाहों से लगे समुद्र में ड्रेजिंग को बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण अनुकूल बंदरगाहों के विकास, बंदरगाह इंजीनियरिंग, समुद्री प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी और बंदरगाह से जुड़ी अन्य गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
ब्रिक्स देशों के बीच ऊर्जा बचत और ऊर्जा सक्षमता पर समझौते पत्र को मंजूरी:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और इस के ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समकक्षों के बीच ऊर्जा बचत और ऊर्जा सक्षमता के लिए सहयोग को मजबूत करने और इसे ज्यादा विकसित करने के लिए तैयार समझौते पत्र को मंजूरी दे दी। इन देशों के बीच समानता और परस्पर लाभ के आधार पर ऊर्जा बचत और सक्षमता के लिए सहयोग को बढ़ाया जाना है।
समझौते पत्र के मुताबिक ऊर्जा बचत और ऊर्जा सक्षमताके लिए निम्न क्षेत्रों में सहयोग होना है-
संयुक्त वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी शोध
व्याख्यान और गोष्ठियों का आयोजन
क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
प्रौद्योगिकी विकास और एक दूसरे के बीच नीतियों और बेहतर कार्य पद्धतियों का आदान-प्रदान
ब्रिक्स देशों के कारोबारी संगठनों में लगे उपकरणों के लिए ऊर्जा बचत और ऊर्जा सक्षमता से जुड़े नजरिये को बढ़ावा देना। ब्रिक्स देशों के बीच इसे बढ़ावा देने के लिए मेजबान देशों से विचार-विमर्श।
इस समझौते पत्र के तहत ब्रिक्स देश ऊर्जा बचत और ऊर्जा सक्षमता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के समग्र कार्यक्रम की संभावना तलाशेंगे। इसके तहत खास ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में साझा परियोजनाओं, उपयोगी तरीके के इस्तेमाल और ऊर्जा बचत और सक्षमता के साधनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
रेवा खेत्रपाल बनीं दिल्ली की लोकायुक्त:

दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल ने दिल्ली की लोकायुक्त के रूप में शपथ ली। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने एक समारोह में शपथ दिलाई। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे।
दिल्ली की लोकायुक्त के रूप में खेत्रपाल का कार्यकाल पांच वर्षों का होगा। दिल्ली में लोकायुक्त का पद नवंबर 2013 से ही रिक्त था, तब न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन ने पद छोड़ा था।
रिटायर्ड जस्टिस रेवा खेत्रपाल के नाम पर बिते दिनों उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस जी. रोहिणी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता के साथ हुई बैठक में सहमति बन गई थी। इसके बाद उनका नाम औपचारिक मुहर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। 
रेवा खेत्रपाल की जन्म शिमला में 23 सितंबर 1952 को हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा जीसस एंड मेरी से हुई है, जबकि उन्होंने दिल्ली के मिरांडा हाउस से इतिहास में स्नातक किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के ला फैकल्टी से उन्हें गोल्ड मेडल औऱ बेस्ट स्टूडेंट से नवाजा गया।
दिल्ली बार काउंसिल में 1975 में एडवोकेट के तौर पर उन्होंने दाखिला करवाया। 1999 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सेक्रेटरी पद पर भी रहीं। रेवा खेत्रपाल पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट से न्यायाधीष के पद से रिटायर्ड हुई हैं।
इसरो ने 6 उपग्रहों के साथ किया रॉकेट का सफल प्रक्षेपण:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के छह उपग्रहों के साथ ध्रुवीय प्रक्षेपण यान यानी पीएसएलवी-सीए रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसरो को इस सफलता पर बधाई दी है।
इस पीएसएलवी-सीए रॉकेट की लंबाई 44.4 मीटर और भार लगभग 227 टन है। इन 6 उपग्रहों के प्रक्षेपण के अलावा इसरो राकेट के इंजन की योग्यता की भी जांच करेगा।
यह मिशन इसरो का इस साल 2016 का आखिरी मिशन है।
इस वर्ष इसरो ने श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से 14 उपग्रहों को लांच किया, जिनमें तीन उपग्रह भारत के और 11 दूसरे देशों के थे। इनमें से 13 उपग्रहों को जहां पीएसएलवी प्रक्षेपण यान द्वारा लांच किया गया, वहीं एक संचार उपग्रह 'जीसैट-6' को भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए प्रक्षेपित किया गया।
पिछले ही महीने इसरो ने एक भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-15 को यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा निर्मित एरियन रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया था। इसे मिलाकर इस वर्ष भारत द्वारा प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों की कुल संख्या 21 हो जाती है।
इसरो ने 'मल्टिपल बर्न फ्यूल इंजन' का सफल परीक्षण किया:

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) को अंतरिक्ष में पुन: चालू करने का परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया। यह परीक्षण उस समय सफल हुआ, जब इसका इंजन सिंगापुर के छह उपग्रहों को छोड़ने के मिशन के दौरान रॉकेट से अलग हो गया।
'मल्टिपल बर्न फ्यूल इंजन' का इस्तेमाल पीएसएलवी-सी35 रॉकेट में इस्तेमाल किया जाएगा, जो दो उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। तकनीकी रूप से कहा जाए तो भारत ने पहली बार किसी 'मल्टिपल बर्न फ्यूल इंजन' का परीक्षण किया है।
एक रॉकेट के जरिए कई उपग्रह छोड़ने का काम इसरो के लिए नया नहीं है और यह काम इसरो कई वर्षो से कर रहा है। लेकिन चुनौती एक रॉकेट के जरिए कई उपग्रहों को विभिन्न कक्षाओं में छोड़ने की है।
इसी का परीक्षण इसरो ने उस समय पूरा किया, जब पीएसएलवी ने सिंगापुर के छह उपग्रहों को अपने से अलग कर दिया। पीएसएलवी रॉकेट चार इंजनों वाला रॉकेट है, जिसमें बारी-बारी से ठोस और तरल ईंधन भरे होते हैं।
पीएसएलवी के चौथे इंजन को मात्र 67 मिनट की उड़ान के दौरान या इंजन के अलग होने के 50 मिनट बाद सफलतापूर्वक पुन: चालू कर दिया गया।
पुन: चालू करते समय चौथा इंजन 523.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर था, जबकि उपग्रह 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग हुआ। इंजन के पुन: अलग होने से पहले 524 किलोमीटर की ऊंचाई पर इंजन को कुछ सेकेंड के लिए चालू किया गया।
अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित:

अरुणाचल प्रदेश विधानसभा ने 16 दिसंबर 2015 को विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया.  प्रस्ताव पारित करने वाले 33 सदस्यों में 20 कांग्रेस विरोधी विधायक, 11 बीजेपी विधायक और दो निर्दलीय शामिल हैं.
मुख्यमंत्री नबाम तुकी और उनके मंत्री परिषद के सदस्यों सहित 27 विधायकों ने इस पूरी कार्यवाही का बहिष्कार किया.
महाभि‍योग प्रस्ताव की पूरी कार्यवाही एक सामुदायिक सभागार के अस्थाई स्थल पर हुई, क्योंकि कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका के कारण जिला प्रशासन ने विधानसभा सचिवालय परिसर को सील कर दिया गया था.
गौरतलब है कि 60 सदस्सीय अरुणाचल विधानसभा में बीजेपी विधायकों और निर्दलीयों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ 19 नवंबर को विधानसभा सचिव को महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था.
खाद्य भुगतान के लिए आईआरसीटीसी और पेटीएम के मध्य समझौता:

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने 16 दिसम्बर 2015 को अपनी ई-खानपान की सुविधा के लिए एक अतिरिक्त भुगतान गेटवे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पेटीएम के साथ करार किया.
विदित हो वर्तमान में आईआरसीटीसी ट्रेन प्रस्थान से एक दिन पहले उपभोगता को खाद्य आर्डर करने के लिए एक मेल भेजता है. इसके अतिरिक्त उपभोगता आरक्षण के समय भी खाद्य ऑर्डर कर सकते हैं.
विदित हो वर्तमान में आईआरसीटीसी प्रत्येक दिन 5.5 लाख से 6 लाख तक ई खानपान सम्बन्धी बुकिंग ले रहा है.
ऑर्डर करते समय उपभोगता के पास ऑनलाइन भुगतान के अलावा कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प भी उपलब्ध होगा. वर्ष 2015 के अक्टूबर माह में आईआरसीटीसी ने ई-केटरिंग की सुविधा का और प्रसार करने के लिए इसका नाम फ़ूड ओं ट्रैक रख दिया था

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