जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन समाप्त और मुफ़्ती सरकार का उदय
महबूबा मुफ़्ती
महबूबा मुफ़्ती ने जम्मूकश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली:
महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। उन्होंने 4 अप्रैल 2016 को पद व गोपनीयता की शपथ ली।
महबूबा मुफ़्ती के पिता जो की पीडीपी की संस्थापक थे ।
शपथ लेने के साथ ही पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा जम्मू-कश्मीर में सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई और भारत के किसी राज्य की दूसरी मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनीं।
महबूबा से पहले सैयदा अनवरा तैमूरा वर्ष 1980 में असम की पहली मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनी थीं और वे 30 जून 1981 तक इस पद पर रहीं थीं।
महबूबा मुफ्ती ने 1959 में एक ऐसे परिवार में जन्म लिया, जो मूल रूप से एक धार्मिक परिवार था। उनका परिवार दक्षिणी कश्मीर में काफ़ी रसूख़ वाला था लेकिन मुफ्ती मोहम्मद सईद के राजनीति में आने से परिवार का हुलिया ही बदल गया। यह धार्मिक से ज़्यादा राजनीतिक रंग में रंग गया।
पृष्ठभूमि:
महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही राज्य में पिछले तीन माह से अधिक समय से चला आ रहा राज्यपाल का शासन खत्म हो गया। गौरतलब है कि 7 जनवरी 2016 को मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से जम्मू-कश्मीर राज्य में 9 जनवरी 2016 से राज्यपाल शासन लागू था।जम्मू-कश्मीर राज्य की कुल 87 विधानसभा सीटों में पीडीपी के पास 27 जबकि बीजेपी के पास 25 सीटें हैं। पीडीपी-भाजपा गठबंधन में सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस भी एक घटक है। 87 सदस्यीय विधानसभा में इस गठबंधन के विधायकों की संख्या 56 है। पीडीपी के 27, भाजपा के 25, पीपुल्स कांफ्रेंस के दो और दो निर्दलीय इस गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।इससे पहले जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की गठबंधन सरकार मार्च 2015 से जनवरी 2016 तक रही।
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