डेली करेंट अफेयर्स 04 जनवरी 2017 (बुधवार)


1.सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए विज्ञान अहम : प्रधानमंत्री
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• मूलभूत विज्ञान से लेकर अनुप्रयोगिक विज्ञान तक की विभिन्न शाखाओं को समर्थन देने और नवोन्मेष पर जोर देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के साथ-साथ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से विध्वंसक प्रौद्योगिकियों के उदय पर नजर रखने के लिए भी कहा है।
• भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 104वें सत्र के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने साइबर-फिजीकल तंत्रों के त्वरित नियंतण्र उदय को एक ऐसा अहम क्षेत्र बताया, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है।
• उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व चुनौतियां पेश कर सकता है। साथ ही उन्होंने देश की बड़ी युवा जनसंख्या से मिल सकने वाले लाभ पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम रोबोट विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल उत्पादन, वृहद आंकड़ा विश्लेषण, गहन अध्ययन, क्वांटम संचार और इंटरनेट में अनुसंधान, प्रशिक्षण और कौशल के जरिए इसे बड़े अवसर के रूप में तब्दील कर सकते हैं।’
•  उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रौद्योगिकियों का विकास करने और इनका दोहन सेवा एवं उत्पादन क्षेत्रों में- कृषि में, जल, ऊर्जा व यातायात प्रबंधन, स्वास्य, पर्यावरण, सुरक्षा, अवसंरचना एवं भू सूचना तंत्रों में किए जाने की जरूरत है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी सरकार वैज्ञानिक ज्ञान की विभिन्न शाखाओं को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ये शाखाएं मूलभूत विज्ञान से लेकर अनुप्रयोगिक विज्ञान तक हैं और इसमें नवोन्मेष पर खास जोर है।
• इनमें से कुछ अहम चुनौतियां स्वच्छ जल एवं ऊर्जा, भोजन, पर्यावरण, जलवायु, सुरक्षा और स्वास्य सेवा जैसे अहम क्षेत्रों से जुड़ी हैं।’उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एक ऐसी मजबूत अवसंरचना बनाने की है, जिस तक अकादमिक क्षेत्र, स्टार्ट-अप, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि आसान पहुंच, रखरखाव, वैज्ञानिक संस्थानों के महंगे वैज्ञानिक उपकरणों के बेकार हो जाने और उनके प्रतिरूपों संबंधी समस्याओं को सुलझाया जाना जरूरी है।
• उन्होंने कहा, ‘‘निजी-सार्वजनिक भागीदारी के तहत पेशेवर प्रबंधन वाले उन बड़े क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना की वांछनीयता को परखा जाना चाहिए, जिनमें महंगे वैज्ञानिक उपकरण लगे हों।’
• एससीओपीयूएस डेटाबेस में भारत को वैज्ञानिक प्रकाशनों के मामले में विश्व में छठे स्थान पर रखे जाने और चार प्रतिशत के वैश्विक  औसत की तुलना में इसके लगभग 14 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा और यह दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ कुशल लोगों के पसंदीदा स्थानों में से एक होगा।
2. शीघ्र जारी होगी राष्ट्रीय वृद्धजन नीति
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• केंद्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों के मान-सम्मान के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए नई राष्ट्रीय वृद्धजन नीति जल्दी जारी करेगी।
• केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि नई राष्ट्रीय वृद्धजन नीति अंतिम चरण में है और इसे मार्च 2017 तक जारी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार बुजुर्गों  को देश के विकास का आधार मानती है और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
• नववर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित घोषणा इसी संदर्भ में है। प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक योजना की घोषणा करते हुए कहा है कि उन्हें साढ़े सात लाख रपए 10 वर्ष के लिए बैंक में जमा कराने पर आठ प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाएगा। वे इसका ब्याज प्रतिमाह निकाल सकेंगे।
• प्रधानमंत्री की योजना से वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह पांच हजार रपए की नियमित आदमनी हो सकेगी और उनकी जमा पूंजी भी सुरक्षित रहेगी। एकल परिवारों के उदय और संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण वरिष्ठ नागरिकों की परेशानी बढ़ने की आशंका है।
• इसलिए इन्हें सरकार सुरक्षा, स्वास्य देखभाल, मनोरंजन आदि का समुचित प्रबंध कर रही है। दिव्यांगों की तर्ज पर वृद्धजनों को बड़े पैमाने पर छड़ी, व्हीलचेयर और सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
• सरकार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सहायता से वरिष्ठ नागरिकों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है।
•  केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के बुजुगरे को पेंशन दे रही है।द्द इसके तहत 60 से 79 वर्ष की आयु के लोगों को 200 रपए प्रति माह दिए जाते हैं, जो इसके बाद 500 रपए प्रति माह कर दिए जाते हैं।
• राज्य सरकारें भी वृद्धजनों को पेंशन देती हैं।द्द सरकार ने 104 जिलों में रोगी एवं बुजुर्ग देखभाल योजना के तहत जिला स्तर के अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कम से कम 10 बिस्तर आरक्षित किए हैं।
•  वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में विशेष छूट दी जाती है।
• उन्हें अपने इलाज के लिए खर्च की गई राशि में भी रियायत दी जाती है।
•  रेलवे तथा परिवहन मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा में छूट देते हैं।
•  सीट आरक्षण में भी उनकी पसंद का ध्यान रखा जाता है।
• गृह मंत्रालय ने राज्यों को वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करने के विशेष परामर्श जारी किया है।
• इसके लिए बुजुर्गों  को प्रताड़ना, परेशानी और हिंसा से बचाने के निर्देश दिए गए हैं।
3. ‘‘उद्योग’ की परिभाषा का मामला 9 जजों की संविधान पीठ के हवाले
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• सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक विवाद कानून, 1947 के तहत उद्योग शब्द की परिभाषा की व्याख्या से जुड़े मामले को 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ को सौंप दिया है।
• शीर्ष अदालत ने मामले की पेंचीदगी और उसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए यह फैसला लिया है। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा है कि उसके समक्ष रखी गई अपील को नौ सदस्यीय पीठ के समक्ष भेजने का फैसला किया गया।
• संविधान पीठ जिसमें कि चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस मदन लोकुर, शरद अरविंद बोबडे, आदर्श कुमार गोयल, उदय उमेश ललित, धनंजय चंद्रचूड और एल. नागेश्वर राव ने सोमवार को जारी आदेश में कहा मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए उसी दिशा में काम किया गया है। इन दस्तावेजों को अब सीजेआई के समक्ष रखा जाएगा जो नौ न्यायधीशों की पीठ गठित करेंगे।
• नौ न्यायधीशों की यह पीठ 5 मई 2005 को पांच न्यायधीशों की पीठ द्वारा पारित आदेश में उठाए गए सवालों का जवाब देगी। मई 2005 में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने औद्योगिक विवाद कानून, 1947 की धारा दो(जे) में शब्द उद्योग की परिभाषा की व्याख्या के लिए मामले को शीर्ष अदालत की बड़ी पीठ के हवाले किए जाने को कहा था।
4. जीएसटी पर राज्यों के साथ नहीं बन पाई सहमति
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• जीएसटी परिषद की आठवीं बैठक में दोहरे अधिकार को लेकर सहमति नहीं बनी। इससे जीएसटी कानून को पहली अप्रैल से लागू करने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। अब इस कानून को 16 सितम्बर से लागू करने की उम्मीद बची है।
• वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में जिस विषय पर गतिरोध बना हुआ था, उसका हल नहीं निकल सका। राज्य और केंद्र के बीच 1.5 लाख से अधिक की आय वाले व्यापारियों से कर वसूलने का अधिकार पाने को लेकर रस्साकसी चल रही है। राज्य सरकारें इस वर्ग से अपना अधिकार छोड़ने को तैयार नहीं है।
• बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों ने नोटबंदी के बाद उनके राजस्व में हुई गिरावट का मुद्दा उठाया। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित्र मित्रा का कहना था कि राज्यों को उसके राजस्व उगाही में 30 से 40 फीसद का नुकसान हुआ है।
• श्री मित्रा ने कहा कि नोटबंदी के बाद राज्यों का घाटा 90 हजार करोड़ रपए हो जाएगा जिसकी भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। केरल के वित्त मंत्री ने भी कहा कि राज्यों का घाटा 55 हजार करोड़ रपए से अधिक होगा। शुरुआत में राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 55,000 करोड़ रपए का क्षतिपूर्ति कोष बनाने का प्रस्ताव किया गया था।
• इसके लिए तंबाकू, सिगरेट जैसे कुछ हानिकारक उत्पादों और भोग विलास वस्तुओं पर उपकर लगाने का प्रस्ताव था। लेकिन नोटबंदी के बाद यह माना जा रहा है कि क्षतिपूर्ति के लिए 90,000 करोड़ रपए की जरूरत पड़ सकती है। तटवर्ती राज्यों ने 12 समुद्री मील के दायरे में होने वाले व्यापार पर जीएसटी लगाने का अधिकार मांगा है।
• उनकी इस मांग से एकीकृत जीएसटी लगाने वाले विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। एकीकृत जीएसटी अंतरराज्यीय व्यापार पर लागू होगा। जीएसटी के मामले में सर्वाधिकार संपन्न जीएसटी परिषद की आज आठवीं बैठक में पश्चिम बंगाल, केरल और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों ने 12 समुद्री मील के दायरे को राज्यों की परिभाषा में शामिल करने की मांग रखी।
5. गांवों में दूर होगी नकदी की किल्लत
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• नोटबंदी लागू होने के 55 दिन हो गए, लेकिन रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ से नए नियम बनाने का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। बहरहाल, मंगलवार को आरबीआइ ने ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी प्रवाह को बढ़ाने का फैसला किया है। इसकी जरूरत काफी शिद्दत से महसूस की जा रही है।
• नए निर्देश के मुताबिक आरबीआइ की तरफ से जारी होने वाले नए नोटों में कम से कम 40 फीसद ग्रामीण इलाकों को भेजे जाएंगे। बैंकों को कहा गया है कि वे अपने करेंसी चेस्टों को यह निर्देश दें कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, जिलास्तरीय सहकारी बैंकों व डाकघरों को प्राथमिकता के स्तर पर नकदी दी जाए।
• आरबीआइ ने हर राय के विभिन्न जिलों में दिए जाने वाले नकदी का हिस्सा तय कर दिया है। कुछ इलाकों में तो जारी नकदी का शत-प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में देने का इंतजाम किया गया है। शत-प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी वितरण का मतलब हुआ कि इन जिलों के सभी बैंकों को ग्रामीण परिभाषा के तहत ही रखा गया है।
• बहरहाल, अब आगे ऐसे सभी जिलों में नए निर्देश के मुताबिक ही नकदी का वितरण होगा। आरबीआइ ने बैंकों को यह भी बताया है कि वे ग्रामीण इलाकों में 100 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाएं। वैसे, सरकार पूरे देश में नकदी रहित वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा दे रही है, लेकिन रिजर्व बैंक का मानना कि ग्रामीण इलाकों में अभी नकदी का ही बोलबाला रहेगा।
• ऐसे में मंगलवार को जारी किए गए निर्देश से ग्रामीण इलाकों में नकदी की किल्लत को दूर करने में मदद मिलेगी। यह नई व्यवस्था इन जिलों में खोले गए बैंक खातों व कासा (चालू खाता, बचत खाता) के आधार पर बनाई गई है। मसलन, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली) में सिर्फ तीन फीसद नकदी ही ग्रामीण इलाकों में देने की व्यवस्था की गई है।
6. चीन ने तिब्बत में सीमा नियम कड़े किए
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• चीन ने ‘‘अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों’ की बढ़ती घटनाओं का हवाला देते हुए तिब्बत में सीमा नियम कड़े कर दिए हैं और पहले से मौजूद कड़े नियमों का बंदरगाहों, व्यापारिक क्षेत्रों एवं पर्यटन स्थलों तक विस्तार कर दिया है।
• यह कदम इस सुदूर हिमालय क्षेत्र को दक्षिण एशिया का व्यापारिक केंद्र बनाने की कोशिश के तहत उठाया गया है।‘‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सोमवार को खबर दी कि रविवार के नये विनियम के तहत निर्धारित सीमा क्षेत्रों में अब बंदरगाह, व्यापारिक क्षेत्र और प्राकृतिक सौंदर्य स्थल शामिल हो गए हैं, इस तरह वर्ष 2000 से प्रभावी पुराने नियमों का दायरा बढ़ा दिया गया है।
• इस अखबार ने तिब्बत सीमा पुलिस के उपप्रमुख बाद्रो के हवाले से बताया, तिब्बत तीव्र आर्थिक विकास के साथ और खुल रहा है। इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में और विवाद, अलगाववाद, अवैध प्रवासन और आतंकवाद जैसी विविध आपराधिक गतिविधियां सामने आई हैं।
• अखबार ने तिब्बत एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेस के थियोरेटिकल मार्क्सियज्म इंस्टीट्यूट के उपनिदेशक वांग चुनहुआन का हवाला दिया है जिन्होंने संशोधन का समर्थन किया और नियमों में अद्यतन बातों का क्या मतलब है, समझाया।
• द. चीन सागर में अभ्यास किया : दक्षिण चीन सागर में अपना दबदबा कायम रखने के प्रयास के तहत चीन ने अपने पहले विमानवाहक पोत का विवादित क्षेत्र में अभ्यास किया। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ताईवान की राष्ट्रपति को टेलीफोन करने से उपजे तनाव के बीच यह अभ्यास किया गया है।
• संवाद समिति शिन्हुआ ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, विमान वाहक पोत लायनिंग ने सोमवार को दक्षिण चीन सागर में अभ्यास किया जिस दौरान पोत से विमानों ने उड़ान भरी और लैंडिंग की।
7. महाभियोग की सुनवाई में भाग लेने से दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति का इन्कार
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• दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हेई ने महाभियोग मामले की सुनवाई में भाग लेने से इन्कार कर दिया है। उनके नहीं आने से अदालत में मौखिक दलील शुरू नहीं हो सकी। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी राष्ट्रपति के खिलाफ संसद में पारित महाभियोग पर संविधान कोर्ट में सुनवाई होगी। इसी अदालत में राष्ट्रपति के भविष्य का फैसला किया जाएगा।
• मंगलवार को अदालत में हाजिर होने से पार्क के इन्कार के बाद नौ सदस्यों वाली पीठ ने उन्हें गुरुवार को पेश होने को कहा है। अदालत ने कहा कि वह पार्क को सुनवाई में हाजिर होने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है। यदि वह दूसरी बार भी अदालत में हाजिर होती हैं तो कानून के तहत सुनवाई शुरू की जा सकती है। पिछले महीने संसद में पार्क के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया था।
• राष्ट्रपति पर अपनी सहेली चोई सुन-सिल के साथ सांठगांठ कर कंपनियों से उगाही करने और सरकारी मामलों में हेराफेरी करने की इजाजत देने का आरोप है। इसके खिलाफ देश में जोरदार प्रदर्शन हुए थे।
• दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि डेनमार्क से राष्ट्रपति पार्क की सहेली सिल की बेटी चुंग यू-रा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जाएगा। डेनमार्क पुलिस ने रविवार को अल्बर्ग सिटी में चुंग को गिरफ्तार कर लिया। दक्षिण कोरिया में आर्थिक अपराध करने के आरोप में वह चार सप्ताह तक हिरासत में रहेंगी।
8. जीका वायरस को बहुत अधिक घातक बनाने वाले जीन की हुई पहचान
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• वैज्ञानिकों ने जानलेवा बीमारी जीका का इलाज ढूंढने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए ऐसे सात प्रमुख प्रोटीन की पहचान की है जो संभवत: जीका वायरस को बहुत अधिक घातक बना देते हैं। पिछले कुछ वर्षो में वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान के दौरान यह पता लगा लिया है कि इससे स्वास्य से जुड़ी कई खतरनाक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन वे इसका पता लगाने में विफल रहे थे कि कौन जीका प्रोटीन नुकसान पहुंचाता है और किस प्रकार नुकसान पहुंचाता है।
• अब अमेरिका के ‘‘यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन’ (यूएम एसओएम) के वैज्ञानिकों ने पहली बार सात प्रमुख प्रोटीन की पहचान की है, जो क्षति के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
• यह अध्ययन जीका वायरस जीनोम को लेकर व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है। इस अध्ययन की अगुवाई करने वाले यूएम एसओएम के पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर र्रिचड झाओ ने बताया, ‘‘वायरस का तंत्र वास्तव में किसी रहस्य की तरह था।’
• झाओ ने कहा, ‘‘ये परिणाम हमें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हैं कि जीका किस प्रकार कोशिकाओं को प्रभावित करता है। भविष्य के अनुसंधान के लिए निश्चित रूप से हम लोगों के पास अब महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं।’
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